आध्यात्मिक विचार शैली

रविवार, 6 जुलाई 2025

👉⭐ इच्छा-शक्ति : कर्म का आधार ⭐👈



इच्छा-शक्ति : कर्म का आधार

आखिरकार, जीवन न तो दुःख है, न आनंद।
यह वैसा है, जैसा आप इसे बनाते हैं।

हिसाब लगाने के परिणाम

☑️एक बार ऐसा हुआ...
एक शाम दो दोस्त साथ जा रहे थे। हर शनिवार शाम को एक वेश्या के पास
जाना उनकी आदत बन गई थी। 

☑️जब वे वेश्या की घर की तरफ जा रहे थे, तो उन्होंने
भारत के महान पवित्र ग्रंथ भगवद्गीता पर एक प्रवचन होता हुआ सुना।

☑️एक दोस्त पर अपराधबोध हावी हो गया। उसने तय किया कि वह वेश्या के
पास नहीं जाएगा, बल्कि वह इसकी बजाय गीता पर प्रवचन सुनकर खुद को सुधारना
चाहेगा। दूसरा दोस्त उसे वहीं छोड़कर आगे चला गया।

☑️अब, प्रवचन सुनने वाला आदमी सिर्फ अपने दोस्त के बारे में सोच रहा है,
जो वेश्या के साथ था। उसे अपने दोस्त से जलन होने लगती है। 

☑️उसे एहसास होने
लगता है कि इधर वह इस प्रवचन हॉल में फँस गया है, उधर उसका दोस्त मजे कर
रहा है। 

☑️वह खुद को यह सोचने से नहीं रोक पाया कि उसका दोस्त उससे कहीं ज्यादा
समझदार था, जिसने एक धर्मग्रंथ पर प्रवचन सुनने की बजाए वेश्यालय चुना।

☑️अब, जो आदमी वेश्या के घर गया था, उसने पाया कि वह सिर्फ लेक्चर हॉल में
बैठे अपने दोस्त के बारे में सोच रहा है।

☑️ वह मन ही मन अपने दोस्त की तारीफ करने
लगा जिसने शारीरिक सुख से परे, आध्यात्मिक प्रवचन को सुनने का फैसला लिया
और अपने लिए मुक्ति का मार्ग चुना।

लेबल:

☀️साधना☀️

                          साधना
☀️अपनी वासना के बारे में जागरुक होने का एक सरल तरीका यह है कि आप
जिस चीज को पसंद करते हैं, चाहते हैं, या सबसे कीमती मानते हैं, उससे लंबे
समय तक दूर रहने की कोशिश करें।

 ☀️दूर रहने के दौरान आप पीड़ा से गुजरते
हैं, वह पीड़ा आपको अपनी वासना की प्रकृति और गहराई के बारे में कुछ चीजें
बताती है।

☀️अब, जबकि आपने अपनी वासना को पहचान लिया है, आप खुद को
बदलने का काम शुरू कर सकते हैं। 

☀️अगर आपको लगता है कि आपका लगाव
भोजन से है, तो भोजन शुरू करने से पहले कुछ पल रुकें।

 ☀️अगर आप किसी
प्रियजन के आने का आतुरता से इंतजार कर रहे हैं, तो उससे मिलने से पहले
जानबूझकर कुछ और देर इंतजार करें। 

☀️आप इन चीजों से कितनी गहराई में
उलझे हुए हैं, उसके अनुसार आप किसी कार्य या बातचीत में शामिल होने से
पहले कुछ पल और रुकें।

 ☀️आप देखेंगे कि भोजन या प्रेम या जीवन का आपका
अनुभव पहले से और ज्यादा गहरा होने लगा है। धीरे-धीरे, भोजन के लिए दोमिनट के इंतजार को दो घंटे या पूरे दिन तक बढ़ाया जा सकता है। 

☀️यह सरल
अभ्यास एक बड़े आंतरिक बदलाव की शुरुआत बन सकता है।

☀️चेतना, व्यवहार का मामला नहीं है। यह अस्तित्व की प्रकृति का हिस्सा
है। 

☀️हालाँकि बाध्यता का संबंध बर्ताव से है।

 ☀️आप किसी चीज से मजबूती से
जुड़े हैं, अगर आप उससे थोड़ी दूरी बनाते हैं या इंतजार करते हैं, तो आप खुद
को सचेतन प्रकृति के पास लाते हैं।

 ☀️समय के साथ, यह आपकी किसी चीज की
बाध्यता की प्रकृति को कम करने में मदद करेगा।

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