💥जब मृतक आपके जरिए जीते हैं💥
जब मृतक आपके जरिए जीते हैं
🎉हाल ही में लॉस एंजिल्स में आयोजित एक कार्यक्रम में, मैंने चार महिला प्रतिभागियों को देखा जो एक जैसी दिखती थीं। वे बहनें नहीं थीं। बस उनकी डॉक्टर एक ही थी ! तो, ऐसे कारगर तरीके मौजूद हैं जिनसे हम आज अपनी आनुवांशिकता को नया रूप दे सकते हैं।
🎉भारत में, पारंपरिक रूप से संस्कार शब्द का इस्तेमाल हमारे वर्तमान पर हमारी आनुवांशिक स्मृति के स्थायी असर को बताने के लिए किया जाता है। आपका शरीर वास्तव में आपके मन की तुलना में एक खरब गुना ज्यादा स्मृति रखता है। संस्कार शब्द वंशगत स्मृतियों और छापों के भंडार को दिखाता है, जो हमें हमारे पूर्वजों, हमारे वंश या हमारी जाति से विरासत में मिले हैं।
🎉और इसलिए, जब कोई बच्चा बहुत ही अच्छा गाता है, तो लोगों का यह कहना आम बात है, 'वाह, क्या संस्कार हैं इस बच्चे के !' इसका मतलब है कि यह विशेष उपहार बच्चे को उसके जीन-पूल, उसके पैतृक ज्ञान से मिला है।
🎉ये आनुवांशिक स्मृतियाँ अपने आप में सकारात्मक या नकारात्मक नहीं होर्ती । फर्क इस बात से पड़ता है कि हम उन्हें कैसे संभालते हैं। हमारे पूर्वजों की स्मृतियाँ हमारे भीतर मौजूद रहती हैं। लेकिन यह स्मृति बंधन का कारण बन गई है या हमारे लिए फायदेमंद है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि हमने उससे कितनी दूरी बनाई है।
🎉मृत लोग अलग-अलग तरीकों से आपके माध्यम से जीने की कोशिश करते हैं। इसे समझने में गलती मत कीजिए। अपने या आस-पास के लोगों के जीवन कोदेखिए। कई लोगों के लिए बच्चे पैदा करना अपने देश को आगे बढ़ाना या दंशার चीजों को अमर बनाने का एक तरीका यह सुनिश्चित करना है कि वे मरने के बाद भी जीवित रहेंगे। इससे वे भावी पीढ़ियों तक जिंदा रहने की उम्मीद करते हैं।
🎉तो अपने पूर्वजों को भी कम मत समझिए। वे भी आपके जरिए जीने की कोशिश कर रहे हैं। यह खुद को कायम रखने की वंशानुगत स्मृति की प्रकति है। हम अपने पूर्वजों के बहुत ऋणी हैं। लेकिन अगर हमें इस धरती पर एक आजाद, पूर्ण रूप से विकसित जीवन जीना है- अपने पूर्वजों की कठपुतली बनकर नहीं रहना है तो हमें पहले एक स्वर्तन व्यक्ति बनने के तरीके खोजने चाहिए।
🎉आध्यात्मिक प्रक्रिया पृथकता या अलग होने के भ्रम को तोड़ती है। इस मार्ग पर चलने का मतलब है, एक व्यक्ति (इंडिविजुअल) बनना। यह एक विरोधाभास लग सकता है, लेकिन ऐसा है नहीं। जब आप कई प्रभावों का परिणाम होते हैं, तो आप एक भीड़ की तरह होते हैं। जब आप भीड़ का या प्रभावों का पुलिंदा होते हैं, तो रूपांतरण असंभव है। भीड़ समय के साथ विकास कर सकती है, लेकिन उसे रूपांतरित नहीं किया जा सकता।
🎉 जैसा कि रूपांतरण शब्द से पता चलता है, उसके लिए एक रूप की जरूरत होती है। सिर्फ अकेले व्यक्ति को ही रूपांतरित किया जा सकता है, या वह पृथकता के साथ अपनी सैकरी पहचान के परे जा सकता है। एक झुंड के लिए कभी प्रबुद्ध होना संभव नहीं है। प्रबुद्धता सिर्फ अकेले व्यक्ति को प्राप्त हो सकती है।
🎉मैं अक्सर मजाक करता हूँ कि सिर्फ दो तरह के भूत होते हैं: बिना शरीर के भूत और शरीर वाले भूत! अधिकतर लोग शरीर वाले भूत हैं। संक्षेप में कहें तो, वे अपने अतीत की छाया हैं। उनका जीवन बस उनके पूर्वजों की स्मृति से बना होता है।
🎉संस्कार महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये हमें यह याद दिलाते हैं कि हम कई सूक्ष्म और गहरे स्तरों पर स्मृति से आकार लेते हैं, जिनके बारे में हमें पता भी नहीं होता। हो सकता है कि आप इसके प्रति सचेत न हों, लेकिन मनुष्य के भीतर कुछ ऐसा होता है जो इस आजादी के खोने पर अप्रसन्न होता है।
🎉जेल का जीवन इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है। जब मैं जेलों में कार्यक्रम आयोजित कर रहा था, तब मैंने इसे अपनी आँखों से देखा है। जेलों के बारे में दिलचस्प बात यह है कि वहाँ लोग वास्तव में बहुत अच्छी तरह व्यवस्थित हो सकते हैं।
🎉समय पर खाना मिलता है; आपको कपड़े और आश्रय दिया जाता है; आपके लिए बत्तियाँ जलाई और बंद की जाती हैं; आपके लिए दरवाजे खोले जाते हैं और हाँ, आपके अंदर आ जाने पर बंद भी कर दिए जाते हैं! जो लोग बाहर बहुत अभाव में जीवन जीते हैं, उनके लिए जेल एक व्यवस्थित विकल्प है।


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