कर्म : एक शाश्वत पहेली
कर्म : एक शाश्वत पहेली
सूत्र # 1
👉कर्म का संबंध अपनी खुद की रचना का स्रोत बनने से है।
उत्तरदायित्व को स्वर्ग पर डालने की बजाए अपने हाथों में ले लेने से,
इंसान खुद अपने भाग्य का निर्माता बन जाता है।
💯बैठें ड्राइवर की सीट पर
👉एक बार ऐसा हुआ।
पोप अमेरिका गए। उनका कार्यक्रम बहुत व्यस्त था और उन्हें अलग-अलग
शहरों में जाना था।
👉एक दिन वह लुइसियाना में एक स्ट्रेच-लिमो में यात्रा कर रहे थे,
जिसे एक ड्राइवर चला रहा था।
👉उन्होंने कभी कोई कार नहीं चलाई थी। तो उन्होंने
ड्राइवर से कहा, 'मैं यह गाड़ी चलाना चाहता हूँ।'
ड्राइवर भला पोप को इन्कार कैसे कर सकता था? वह बोला, 'जैसा आप कहें,
👉होली फादर ।'
तो पोप ने स्टीयरिंग संभाला और ड्राइवर पीछे की सीट पर बैठ गया। पोप ने
कार का आनंद लेना शुरू किया और उनका पैर गैस पैडल को जोर से दबाने लगा।
👉वह नब्बे और फिर सौ मील प्रति घंटे की रफ्तार पर पहुँच गए। उन्हें एहसास ही नहीं
हुआ कि वह कितना तेज जा रहे हैं।
👉अब, लुइसियाना पुलिस, जो स्पीड उल्लंघन के मामले में बहुत सख्त मानी जाती
है, हरकत में आ गई।
👉 तेज दौड़ती हुई लिमो से जब पोप ने अपने पीछे फ्लैशिंग लाइट
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